बंधक कैलकुलेटर

ऋण राशि, ब्याज दर और अवधि के आधार पर अपनी मासिक बंधक किस्त की गणना करें।

परिणाम

मासिक किस्त (EMI)
कुल भुगतान
कुल ब्याज

परिचय

Mortgage Calculator घर/फ्लैट के होम लोन की मासिक किस्त (EMI), कुल भुगतान और कुल ब्याज का अनुमान लगाने में मदद करता है।
यह टूल पहली बार घर लेने वालों, निवेशकों, और वेतन/कॅश फ्लो प्लान करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपयोगी है।
गणनाएँ भारतीय संदर्भ में ₹ (भारतीय रुपया) में दिखाई जाती हैं और दशमलव के लिए बिंदु (.) प्रयोग होता है।


यह कैसे काम करता है

  1. मूलधन, वार्षिक ब्याज दर (प्रतिवर्ष), और अवधि (वर्षों में) दर्ज करें।
  2. कैलकुलेटर वार्षिक दर को 12 से विभाजित कर मासिक दर बनाता है और EMI सूत्र से गणना करता है।
  3. परिणाम में मासिक EMI, पूरी अवधि में कुल भुगतान और कुल ब्याज दिखते हैं।
  4. चाहें तो अलग-अलग दरों/अवधि के साथ दोबारा चलाएँ और तुलना करें।

इनपुट्स की व्याख्या

  • मूलधन (Principal): बैंक/एनबीएफसी से लिया गया लोन अमाउंट, जैसे ₹50,00,000।
  • ब्याज दर (Interest Rate, p.a.): वार्षिक नाममात्र दर, जैसे 8.50% प्रतिवर्ष। भारत में होम लोन अक्सर मासिक रिड्यूसिंग बैलेंस पर होते हैं।
  • अवधि (वर्षों में): कुल लोन अवधि, जैसे 20 या 25 वर्ष। अवधि बढ़ाने से EMI घटती है लेकिन कुल ब्याज बढ़ता है।

परिणाम और उनका अर्थ

  • मासिक EMI: हर महीने चुकाई जाने वाली निश्चित किस्त। शुरुआत में किस्त का बड़ा हिस्सा ब्याज होता है, समय के साथ मूलधन का हिस्सा बढ़ता है।
  • कुल भुगतान: पूरी अवधि में चुकाई गई कुल राशि = EMI × कुल महीनों की संख्या।
  • कुल ब्याज: कुल भुगतान − मूलधन। यह बताता है कि समय के साथ लोन की वास्तविक लागत क्या होगी।

विधि और मान्यताएँ

  • EMI का सूत्र (मासिक रिड्यूसिंग बैलेंस):

EMI = P × r × (1 + r)^n / \[(1 + r)^n − 1]

जहाँ

  • P = मूलधन

  • r = मासिक ब्याज दर (वार्षिक दर/12/100)

  • n = कुल महीनों की संख्या (वर्ष × 12)

  • मान्यताएँ:

  • ब्याज मासिक आधार पर लगना और EMI पूरी अवधि तक स्थिर रहना माना गया है।

  • कोई प्रसंस्करण शुल्क, प्रीपेमेंट शुल्क, बीमा प्रीमियम, या कर/शुल्क शामिल नहीं हैं।

  • वास्तविक बैंक गणनाएँ/शर्तें भिन्न हो सकती हैं; अपने ऋणदाता की शर्तें देखें।


भारतीय संदर्भ और महत्वपूर्ण बातें

  • ब्याज प्रकार: फिक्स्ड बनाम फ्लोटिंग (RLLR/Repo-लिंक्ड)।
  • रिड्यूसिंग बैलेंस: भारत में प्रचलित है; ब्याज शेष मूलधन पर लगता है।
  • डाउन पेमेंट और LTV: संपत्ति मूल्य के अनुपात में बैंक लोन देता है।
  • टैक्स विचार: धारा 24(b) (ब्याज) और धारा 80C (मूलधन) में कटौती।
  • अतिरिक्त लागतें: स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क, प्रोसेसिंग फीस आदि।

बेहतर निर्णयों के लिए टिप्स और रणनीतियाँ

  • ब्याज दर संवेदनशीलता जाँचें।
  • अवधि का अनुकूलन करें।
  • प्रीपेमेंट/पार्ट-पेमेंट से ब्याज बचत करें।
  • प्रभावी लागत देखें (फीस + बीमा)।
  • क्रेडिट स्कोर सुधारें।
  • मासिक बजटिंग में EMI + अन्य खर्च शामिल करें।

उदाहरण गणना

  • मूलधन P = ₹50,00,000
  • ब्याज दर = 8.50% प्रति वर्ष
  • अवधि = 20 वर्ष

गणना:

  • मासिक दर r = 8.50 / 12 / 100 = 0.0070833…
  • कुल महीनों n = 20 × 12 = 240
  • EMI ≈ ₹43,391.16
  • total_payment ≈ ₹1,04,13,878.80
  • total_interest ≈ ₹54,13,878.80

📌 अर्थ: ₹50 लाख के लोन पर 20 वर्षों में लगभग ₹54 लाख ब्याज और कुल ₹1.04 करोड़ चुकाने होंगे।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

1. क्या EMI पूरी अवधि में समान रहती है?

  • फिक्स्ड रेट में हाँ। फ्लोटिंग रेट में EMI या अवधि बदल सकती है।

2. क्या यह कैलकुलेटर प्रीपेमेंट शामिल करता है?

  • नहीं, लेकिन आप नई शर्तों के साथ पुनः गणना कर सकते हैं।

3. क्या यहाँ फ्लैट रेट या रिड्यूसिंग रेट माना गया है?

  • यह रिड्यूसिंग बैलेंस (EMI) पद्धति मानता है।

4. ब्याज दर कौन-सी दर्ज करूँ-APR या नाममात्र दर?

  • भारत में आमतौर पर नाममात्र दर उपयोग होती है।

5. क्या प्रोसेसिंग फीस/बीमा EMI में जुड़ता है?

  • प्रायः नहीं। यह अलग से देना होता है।

सारांश

Mortgage Calculator आपके होम लोन की मासिक EMI, कुल भुगतान और कुल ब्याज का स्पष्ट, तेज़ अनुमान देता है।
विभिन्न दरों और अवधियों के साथ प्रयोग कर अपनी भुगतान क्षमता और कुल लागत में संतुलन पाएँ।
यह सामान्य सूचना है, वित्तीय सलाह नहीं।

👉 अगला कदम: अपने आंकड़े डालें और तुरंत अपना EMI व कुल ब्याज देखें।